अपरा एकादशी महात्म्य की दुर्लभ कथा
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अपरा एकादशी महात्म्य की दुर्लभ कथा[1][edit]
एकादशी का व्रत संसार के सभी व्रतों से श्रेष्ठ माना जाता है। हमारे वेद और शास्त्र इस बात का प्रमाण देते है और पुराणों में एकादशी के माहात्म्य की कथाएं आती है जिनसे स्पस्ट होता है की व्रतों में सबसे बड़ी एकादशी होती है। एकादशी का व्रत करने से हमें भगवान् विष्णु के परब्रम्ह स्वरुप से जुड़ने का अवसर प्राप्त होता है।
Apara Ekadashi Ki Katha:[edit]
धर्मराज युधिष्ठिर ने वासुदेव श्री कृष्ण भगवान् से पूछा हे भगवान जेष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम तथा उसका महत्व क्या है? सो कृपा करके बतलाइए। श्री कृष्ण भगवान बोले कि हे राजन जेष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम अपरा है। यह पुण्य देने वाली है। जो मनुष्य एकादशी का व्रत करते हैं उनकी लोक में प्रसिद्धि होती है।
अपरा एकादशी के व्रत के प्रभाव से ब्रह्म हत्या ,भूत योनि ,दूसरे की निंदा आदि के पाप नष्ट हो जाते हैं। इसके व्रत से पर स्त्री के साथ भोग करने वालों की ,झूठी गवाही ,असत्य भाषण ,झूठा वेद पढ़ना ,झूठा शास्त्र बनाना ,झूठा ज्योतिषी ,झूठा वेद आदि सब के पाप नष्ट हो जाते हैं। जो क्षत्रिय युद्ध क्षेत्र से भाग जाए वह नरक को जाता है। जो शिष्य गुरु से विद्या ग्रहण करते हैं परंतु बाद में उसकी निंदा करते हैं तो वह अवश्य ही नर्क को जाते हैं।
ऐसे पापी प्राणी भी अपरा एकादशी का व्रत करने से स्वर्ग को चले जाते हैं। जो फल तीनों पुष्करो में स्नान करने से या कार्तिक मास में स्नान करने से अथवा गंगा जी के तट पर पितरों को पिंडदान करने से या सिंह राशि वालों को बृहस्पति के दिन गोमती में स्नान करने से ,कुंभ में श्री केदारनाथ जी के दर्शन करने से तथा बद्रिकाआश्रम में रहने से तथा सूर्य चंद्र ग्रहण में कुरुक्षेत्र में स्नान करने से मिलता है ,वह फल अपरा एकादशी के व्रत के बराबर है। हाथी घोड़े के दान से तथा यज्ञ में स्वर्ण दान से जो फल मिलता है ,हालकी ब्याई हुई गाय के दान या स्वर्ण के दान का फल भी इसके फल के बराबर होता है।
अपरा एकादशी के दिन भक्ति पूर्वक भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए जिससे अंत में विष्णु पद की प्राप्ति होती है। हे राजन मैंने यह अपरा एकादशी की कथा लोक हित के लिए कही है उसके पढ़ने व सुनने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। पूर्ण आस्था और विश्वास के साथ अपरा एकादशी का व्रत करना चाहिए।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
अन्य एकादशियाँ:
पुत्रदा एकादशी महात्म की दुर्लभ कथा (श्रावण शुक्ल पक्ष )
आमलकी एकादशी महत्व कथा (शुक्ल पक्ष)
References[edit]
- ↑ "Shri Ravi Shankar Ji Maharaj (Guru Bhai)". Retrieved 2020-05-17.
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