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Kamlesh Sharma

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Kamlesh Sharma

कवि कमलेश शर्मा का जीवन परिचय जन्म: हिंदी काव्य मंचों के दुलारे कवि और इतिहासकार कमलेश शर्मा का जन्म 29 जून 1968 को ग्राम चाचर , ज़िला भिण्ड मध्यप्रदेश में हुआ । उनके पिता का नाम चौधरी ब्रज किशोर शर्मा तथा माता का नाम श्रीमती विद्या देवी है

प्राम्भिक शिक्षा प्राथमिक शिक्षा पैतृक गाँव चाचर में ही स्थित शासकीय प्राथमिक पाठशाला में हुई उसके बाद मिडिल अर्थात कक्षा 8 तक की शिक्षा उन्होंने अपने पैतृक गाँव से 3 किलो मीटर की दूरी पर स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय फूप से प्राप्त की । इसके बाद हायर सेकेण्ड्री तक ज़िला मुख्यालय भिंड मे स्थित जनता हायर सेकेण्ड्री (अब जनता इंटर कॉलेज ) में अध्ययन किया

उच्च शिक्षा कमलेश शर्मा ने उच्च शिक्षा तीन विश्व विद्यालयों से प्राप्त की जीवाजी विश्व विद्यालय ग्वालियर से एम ए (इतिहास) आगरा विश्व विद्यालय से बी एड एवं एम ए (अंग्रेजी) छत्रपति साहू जी महाराज विश्व विद्यालय कानपुर से एम ए (हिंदी) हिंदी विषय में शोध रत

पारिवारिक जीवन स्व श्री ब्रज किशोर चौधरी एवं स्व विद्या देवी चौधरी नौवीं संतान कमलेश शर्मा के 5 बहनें 4 भाई है अपने भाइयों मे सबसे छोटे हैं। उनके बाबा स्व देवीदीन चौधरी एक प्रसिद्ध वैद्य और सन्यासी थे । कमलेश शर्मा का विवाह श्री रामबाबू कांकर एवं मीरा देवी की संतान संध्या शर्मा से 24 फरबरी 1995 को हुआ । उनके तीन सन्तानें हैं बड़ी बेटी शिवांगी पुत्र आदित्य छोटी बेटी शिवानी विशेष बात यह है कि उनकी दो सन्तानों - आदित्य और शिवानी के जन्म की तारीख वही है जो उनके विवाह की तिथि । अर्थात 24 फरबरी

कविता लेखन कविता लेखन प्रतिभा ईश्वर प्रदत्त होती है । यह शाश्वत सत्य कमलेश शर्मा पर भी खरा उतरता है । कविता लेखन का शौक उन्हें बचपन से ही था। उस ज़माने में गांवों मे बारात तीन दिन तक रुका करती थी । जिसमें एक दिन वर और वधू पक्ष एक साथ बैठकर महफ़िल सजाते थे और दोनों पक्षों की ओर से प्रतिभावान लोग अपनी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते थे । उसी क्रम में अनेक बार अपनी कविता लेखन प्रतिभा का प्रदर्शन कमलेश ने भी किया । उन्होंने अनेक छंद लिखे । बचपन में उनके इस गुण को दर्शाती एक घटना बहुत उल्लेखनीय है । भिंड के समाजवादी नेता और विधायक रहे स्व रघुवीर सिंह कुशवाह की पुण्य तिथि पर ज़िलास्तरीय स्कूली विद्यार्थियों के बीच कविता प्रतियोगिता का आयोजन भिंड में हुआ । जिसमें भिंड जिले के अनेक विद्यालयों के छात्र छात्राओं ने सहभागिता की। कमलेश शर्मा ने भी एक स्कूली छात्र के रूप में चन्द्रशेखर आजाद स्कूल फूप का प्रतिनिधित्व करते हुए कविता पाठ प्रतियोगिता में सम्पूर्ण ज़िला में प्रथम स्थान प्राप्त किया । इसके अतिरिक्त किशोरावस्था में अपने पैतृक गाँव चाचर में आयोजित होने वाली बहुत चर्चित रामलीला में राम की भूमिका निभाते हुए स्वयम ही संवाद लिख कर उन्हें गीतों में ढाला । जो उस वक्त ग्रामीण क्षेत्र में बहुत चर्चित हुए । इस बीच कविता लेखन उनका चलता रहा । जिसे गति करहल (मैनपुरी) आने के बाद मिली जब जैन इंटर कॉलेज में नियुक्ति के बाद उन कविताओं को खूब सुना जाने लगा तथा सराहना भी मिलने लगी ।

5.हिंदी काव्य मंचों पर काव्य पाठ अपने स्कूली दिनों से कविता पाठ से प्रतियोगिता मे पुरस्कार जीत कर मंचों पर काव्य पाठ का जो सिलसिला आरम्भ हुआ था उसको विस्तार मिला करहल में आने के बाद। आरम्भिक दिनों में करहल में होने वाले कवि सम्मेलनों में और करहल के आसपास के कस्बों में काव्य पाठ का सिलसिला आरम्भ हुआ । जो धीमे धीमे जनपद मैनपुरी की सीमाओं को पार करने लगा । भरथना , बरनाहल, घिरोर , किशनी , मैनपुरी श्री देवी मेला का कादंबरी मन्च , लखना जागीर , भोगांव , सिद्ध पुर एटा , महेवा आदि वे नाम हैं जहाँ आरम्भिक दिनों में काव्य पाठ किया। इस आरम्भिक क्रम में दो कवि सम्मेलनों का उल्लेख बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों कवि सम्मेलन कमलेश शर्मा के काव्य मंचीय जीवन मे महत्वपूर्ण पड़ाव सिद्ध हुए । पहला - इटावा प्रदर्शनी का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन । उक्त कवि सम्मेलन में इटावा के वरिष्ठ कवि श्री राम प्रकाश शर्मा की संस्तुति पर आयोजक /संयोजक श्री शांति स्वरूप पाठक के आमंत्रण पर काव्य पाठ किया । उक्त कवि सम्मेलन दिसंबर 1997 में आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति प्रेम शंकर गुप्त ने की मुख्य अतिथि के रूप मे तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश माननीय केसरी नाथ त्रिपाठी जी की गरिमामय उपस्थिति थी। संचालन श्री शिव ओम अम्बर ने किया । इसमें जनता का इतना स्नेह मिला कि 5 बार काव्य पाठ करना पड़ा। यहीं डॉ उर्मिलेश् जी से भेंट हुई । जिन्होंने बाद में देश के कई कवि सम्मेलनों में कमलेश शर्मा का नाम संस्तुत किया । यही वह कवि सम्मेलन था जिसने इटावा से कमलेश शर्मा का अटूट रिश्ता स्थापित किया। दूसरा - शिकोहाबाद में आयोजित एक कवि सम्मेलन था जो जून 1999 को निर्झर जी के संयोजन में संपन्न हुआ । जिसमें डॉ हरिओम पंवार भी आमंत्रित थे। वह कमलेश शर्मा के काव्य पाठ से इतने प्रभावित हुए कि उनका नाम देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित मन्च लाल किला गणतन्त्र दिवस कवि सम्मेलन में प्रस्तावित कर दिया । जिससे सारे देश के मंचों पर काव्य पाठ का रास्ता खुला ।

6.उल्लेखनीय हिंदी कावदिल्ली। जिन पर कमलेश शर्मा ने काव्य पाठ किया समस्त भारत वर्ष के हिंदी भाषा भाषी कविता प्रेमियों को कमलेश शर्मा की कविताओं ने बहुत आकर्षित किया । बहुत जल्दी ही वह सारे भारत मे लोकप्रिय हो गए । उन्होंने अनेक प्रतिष्ठित काव्य मंचों पर काव्य पाठ कर अपनी कविताओं की धूम मचाई। ऐसे विशिष्ट काव्य मंचों की एक लम्बी सूची है उनमें से कुछ शहरों के नाम निम्नवत् हैं- 1. गणतन्त्र दिवस लाल किला कवि दिल्ली 2.नौचन्दी मेला मेरठ उ प्र 3. अट्टहास गाजियाबाद उ प्र 4. लाल किला रामलीला

   दिल्ली

5.दशहरा मैदान कोटा राजस्थान 6. बलिदान मेला ग्वालियर म प्र 7. जाजम इंदौर म प्र 8.रामराजामंदिरओरछा म प्र 9.लखनऊ महोत्सव लखनऊ उ प्र 10 पटना बिहार 11 भागलपुर बिहार 12.नालंदा बिहार 13.देवगढ झारखंड 14.रांची झारखंड 15. टाटानगर झारखंड 16.कोलकाता बंगाल 17 बांकुरा 18.गोहाटी असम 19. भुवनेश्वर उडीसा 20 रायपुर छत्तीसगढ 21.चक्रधर समारोह रायगढ छत्तीसगढ 22.लाल परेड ग्राउंड भोपाल म प्र 23.जनता की पुकार मुंबई 24. परमाणु अनुसन्धान केंद्र तारापुर महाराष्ट्र 26. चैन्नई तमिलनाडु 27.बैंगलौर कर्नाटक 28. अहमदाबाद गुजरात 29.राजभवन शिमला हिमाचल प्रदेश 30.बाघा- अटारी बॉर्डर पंजाब

टी वी चैनेलों पर काव्य पाठ कमलेश शर्मा ने दूरदर्शन सहित अनेक टी वी चैनेलों पर भी काव्य पाठ किया है उन्होंने आस्था , ई टी वी , सहारा टी वी , एन डी टी वी , ए बी पी न्यूज पर तो काव्य पाठ किया ही साथ मे कुछ विशेष चैनेलों के विशेष कार्यक्रमों में भी काव्य पाठ किया । जिनमें निम्न प्रमुख कार्यक्रम उल्लेखनीय हैं। 1.वाह वाह क्या बात है? सब टी वी 2." के वी सम्मेलन," आज तक 3.कवि युद्ध - जी न्यूज

कवि (डॉ.)कमलेश शर्मा की प्रकाशित पुस्तकें डॉ कमलेश शर्मा की अभी तक(2020 तक) कुल तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं उनके नाम और प्रकाशन वर्ष निम्न लिखित है

प्रथम पुस्तक पीर किससे कहें ?

                 (गीत संग्रह)

प्रकाशक: अमृत प्रकाशन शाहदरा दिल्ली प्रकाशन वर्ष: 2007 लोकार्पण समारोह में डॉ हरिओम पंवार , विनीत चौहान , प्रवीण शुक्ला , देवल आशीष , बलराम श्रीवास्तव आदि कवि और शताधिक गणमान्य विभूतियां शामिल हुईं

कमलेश शर्मा की दूसरी पुस्तक अगर गाँधी तुम होते

             (गीत संग्रह)

प्रकाशक: अमृत प्रकाशन शाहदरा दिल्ली प्रकाशन वर्ष : 2013 लोकार्पण समारोह मे गीत ऋषि सोम ठाकुर , डॉ कुंवर बेचैन , डॉ प्रवीण शुक्ला , डॉ पवन जैन (डी जी पी मध्य प्रदेश) बलराम श्रीवास्तव। आदि महानुभाव उपस्थित रहे

कमलेश शर्मा की तीसरी पुस्तक मुक्तक कमलेश के

           (मुक्तक संग्रह)

प्रकाशक : निखिल प्रकाशन आगरा प्रकाशन वर्ष : 2019

लोकार्पण समारोह मे बंगाल के पूर्व राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी जी मुख्य अतिथि के रूप मे पधारे । इसके अतिरिक्त डॉ जय वर्मा (इंग्लैंड), डॉ राम शंकर कठेरिया (सांसद इटावा) , श्रीमती सरिता भदौरिया (विधायक इटावा)

आदि महानुभाव शामिल हुए

सोसल मीडिया पर वायरल कविता कमलेश शर्मा की अनेक कवितायें ऐसी हैं जो बहुत लोकप्रिय हुई । जिन्हें श्रोताओं द्वारा खूब सराहा गया और जिनके कारण पूरे देश मे उन्हें भरपूर प्यार मिला और सम्मान भी । ये कवितायें हैं - अच्छा है गाँधी नहीं रहे पीर किससे कहें संसद आज बना दी नगर- बधू वैशाली की हम जहाँ से चले थे वहीं आ गए देश का नाम डुबा आए आओ शहीदों को हम नमन करें कैकेयी ने वनवास दिया शबरी की कुटिया पर आए आदि लेकिन जिस कविता ने कमलेश शर्मा को जन जन का प्रिय कवि बना दिया , जिसने उनको ना केवल देश बल्कि विदेश में भी पहचान दिलाई , जिस कविता ने उन्हें सर्वाधिक लोकप्रियता दिलाई वह कविता थी - "राम हुए हैं कितने प्रमाण दें" राम पर किसी भी कवि द्वारा लिखी गई कविता की तुलना में सर्वाधिक चर्चित , लोकप्रिय , बहुश्रुत है यह कविता कमलेश शर्मा की। जो सोसल मीडिया पर सर्वाधिक वायरल हुई । उक्त कविता को लाखों करोड़ो लोगों ने यू ट्यूब , व्हाट्सएप , फेसबुक पर देखा ।

लगभग 3 दशकों से हिंदी काव्य मंचों पर सक्रिय हूँ । आरम्भिक 4-5 वर्ष बाद क्षेत्रीय स्तर पर मेरी पहचान बनने लगी थी अर्थात एक कवि के रूप में स्वीकार्यता स्थापित हो गई । इसके बाद आरम्भ हुआ विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित करने का दौर जो अद्यतन जारी है । यद्यपि कभी सरकारी सम्मान नहीं मिला उसका कारण शायद यह रहा कि मैं समीकरण नहीं बिठा पाता और ना कभी याचक बन पाया

सत्ता प्रतिष्ठानों से गहरे सम्बन्ध होने के बावजूद कभी कोई सरकारी पुरस्कार नहीं मिलना मेरी इस बात की पुष्टि करता है ।

लेकिन उन सम्मानों - पुरस्कारों का महत्व मेरे लिए किसी पद्मश्री से कम नहीं जो मुझे देश भर की साहित्यिक संस्थाओं द्वारा प्रदान किये गये। आज मन हुआ कि अपनों को उन पुरस्कारों - सम्मानों से अवगत कराया जाए। लीजिये आप भी उस सूची का अवलोकन करें । अपनी स्मरण शक्ति के आधार पर उक्त सूची प्रस्तुत है -

9. सम्मान एवं पुरस्कार कमलेश शर्मा को विभिन्न संस्थाओं द्वारा उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए अनेक सम्मान एवं पुरस्कार मिले। जिनमें से मुख्य निम्न लिखित हैं - 1. उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन सम्मान - 1998 2. साहित्य वाचस्पति अलंकरण - 1999 (साहित्य भारती उन्नाव उ प्र द्वारा) 3.अवधेश दुबे स्मृति पुरस्कार - 1999 (सरस्वती साधना परिषद मैनपुरी द्वारा) 4. शिशु बल्लभ अलंकरण -2002 (इटावा हिंदी सेवा निधि इलाहाबाद द्वारा) 5. शिव मंगल सिंह सुमन पुरस्कार - 2002 (गंगहरि ब्रजभाषा संस्थान इटावा द्वारा) 6. त्रिवेणी साहित्य पुरस्कार -2004 (आस्था , बांकुड़ा प् बंगाल द्वारा) 7.विश्वनाथ भेटेले -राजेंद्र देव सेंगर सम्मान-2006 (हिंदी विकास परिषद विधूना द्वारा) 8. साहित्य सेवा सम्मान 2006 (शहीद सेवा समिति झाँसी द्वारा) 9. केसरवानी युवा कवि सम्मान 2006 (युवा उद्योग व्यापार मण्डल इटावा द्वारा) 10. कवि कुल भूषण सम्मान 2007 (सार्वभौम सनातन धर्म महासभा दिल्ली द्वारा) 11. खेड़ापति सम्मान -2007 (मालवा महोत्सव समिति धार म प्र द्वारा) 12. पं.दीनदयाल उपाध्याय सम्मान 2007 (दीनदयाल शोध संस्थान लखनऊ द्वारा) 13. इटावा रत्न 2008 (जायंट्स इन्टरनेशनल द्वारा) 14. कवि कौशलेन्द्र सम्मान 2008 (श्री नारायण विद्या आश्रम किशनी द्वारा) 15. रामगोपाल बंसल साहित्य सम्मान 2008 (साहित्य सभा मुरैना म प्र द्वारा) 16.जनकवि उर्मिलेश शंखधार सम्मान 2009 (अखिल भारतीय मंचीय कवि पीठ उ प्र द्वारा) 17. आचार्य रुपेश सम्मान 2010 (औरैया हिंदी प्रोत्साहन निधि औरैया उ प्र द्वारा) 18. वेदप्रकाश गुप्ता सम्मान 2012 ( अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद मैनपुरी द्वारा) 19. कीर्तिमान पुरस्कार 2012 (कीर्तिमान साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था मैहर म प्र द्वारा) 20. काव्य श्री पुरस्कार - 2013 (अमर उजाला आगरा उ प्र द्वारा) 21.अक्षय सम्मान - 2014 (अक्षय कला केंद्र अमौली फतेहपुर उ प्र द्वारा) 22. शेरगढ़ के वीर स्मृति सम्मान - 2015 ( भारत प्रेरणा मंच औरैया उ प्र द्वारा) 23. ब्रह्म गौरव सम्मान - 2016 (ब्रह्म गंगा पत्रिका ग्वालियर म प्र द्वारा) 24.कमला शंकर अवस्थी सम्मान - 2019 (अभ्युदय साहित्यिक मंच उन्नाव द्वारा) 25. भारत भूषण सम्मान - 2019 (हिंदी महोत्सव 2019 दतिया म प्र द्वारा ) 26.महाकवि चंद्र वरदाई सम्मान - 2019 (सप्तक - कला एवं संस्कृति को समर्पित संस्था ) अजमेर राजस्थान द्वारा ) 27. श्री जगदीश सिंह स्मृति सैनिक सम्मान - 2019 (प्रहरी - सामाजिक संस्था - देहरादून , उत्तराखंड) 28. पान कुँवर सम्मन्- 2020 ( पान कुँवर परिवार इटावा द्वारा) 29.गीत ऋषि मुंशीलाल वर्मा सम्मान 2021 ( अखिल भारतीय साहित्य परिषद मध्य भारत प्रान्त द्वारा) 30. नागरिक अभिनन्दन- 2021 (विनोद राजयोगी ट्रस्ट घिरोर मैनपुरी द्वारा) 31. श्री दूधनाथ शर्मा पुरस्कार 2021 (पंडित दीन्दयाल शोध संस्थान लखनऊ उ प्र द्वारा)

विशिष्ट सम्मान 1. करहल (मैनपुरी उ प्र) में एक सड़क का नामकरण "कवि कमलेश शर्मा मार्ग" फरबरी 2004 ई में नगर पंचायत करहल 2.भारत स्वच्छ्ता अभियान के ब्रांड एम्बेसेडर इटावा 2017 ई से 3. मेरी पहली पुस्तक "पीर किससे कहें ?" पर छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय , कानपुर में लघु शोध । शोध ग्रन्थ का नाम "पीर किससे कहें : कवि कमलेश शर्मा की रचनाओं का विवेचन - शोधकर्ता कु शिवांगी मिश्रा के के पी जी कॉलेज इटावा

विशिष्ट सम्मान नगर पंचायत करहल द्वारा सड़क का नामकरण 2004 में कवि कमलेश शर्मा मार्ग

कवि कमलेश शर्मा के पूज्य पिता स्व.ब्रजकिशोर चौधरी एवं पूज्य माँ स्व.श्रीमती विद्या देवी

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